कभी
नन्हे हाथो से
बनाते थे रेत के घर
देख के उनको लगता था
जैसे हम है कोई जादूगर .......
काश आज फिर से बनाऊ वो रेत के घर....
और सबको दे दूँ एक प्यारा सा अपना सा घर......
फिर भगवन से कहूँ की वो भर दे इन में अपनी कायनात के रंग
और हर इन्सान को मिल जाये अपने सपनो का प्यारा सा एक छोटा सा घर.....
नन्हे हाथो से
बनाते थे रेत के घर
देख के उनको लगता था
जैसे हम है कोई जादूगर .......
काश आज फिर से बनाऊ वो रेत के घर....
और सबको दे दूँ एक प्यारा सा अपना सा घर......
फिर भगवन से कहूँ की वो भर दे इन में अपनी कायनात के रंग
और हर इन्सान को मिल जाये अपने सपनो का प्यारा सा एक छोटा सा घर.....
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