सोमवार, 9 सितंबर 2013

छोटा सा घर

कभी
नन्हे हाथो से
बनाते थे रेत के घर
देख के उनको लगता था
जैसे हम है कोई जादूगर .......
काश आज फिर से बनाऊ वो रेत के घर....
और सबको दे दूँ एक प्यारा सा अपना सा घर......
फिर भगवन से कहूँ की वो भर दे इन में अपनी कायनात के रंग
और हर इन्सान को मिल जाये अपने सपनो का प्यारा सा एक छोटा सा घर.....

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