बुधवार, 2 फ़रवरी 2011

माँ

प्रिय मित्रों

नमस्कार,


दोस्तों आज मुझे एक पुराना गाना याद आया .....जो श्री नन्द लाल पाठक ने लिखा था...और भारत के कई दिग्गज गायकों ने जिसे अपनी आवाज दी.....मैं उस गाने के शब्द लिख रहा हूँ ...उम्मीद है कि आप सबको जरुर पसंद आयेगे......ये कविता या गाना मुझे अन्दर तक शांति देता है.....और मुझे भी अपना बचपन और माँ कि
सुनाई ने हुई कहानियां याद आने लगती है........



माँ सुनाओ मुझे वो कहानी,
जिसमे राजा न हो न हो रानी,

जो हमारी-तुम्हारी कथा हो,
जो सभी के ह्रदय कि व्यथा हो,

गंध जिसमे भरी हो धरा की,
बात जिसमे न हो अप्सरा की,

हो न परियाँ जहाँ आसमानी,
माँ सुनाओ मुझे वो कहानी,

वो कहानी जो हँसना सिखा दे,
पेट की भूख को जो भुला दे,

जिसमे सच कि भरी चांदनी हो,
जिसमे उम्मीद कि रोशनी हो,

जिसमे न हो कहानी पुरानी,
माँ सुनाओ मुझे वो कहानी...................




धन्यवाद

आपका वैभव....

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