प्रिय मित्रो,
नमस्कार
इधर काफी समय से व्यस्त रहा तो कुछ मौका नहीं मिला। पर बीते दिन दंतेवाडा में हुई घटना ने मन मस्तिष्क को अन्दर तक झकझोर दिया। नक्सलवादियो ने केंद्रीय रिजेर्वे पुलिस फ़ोर्स के ७६ जवानों को मौत के घाट उतार दिया। खून खौल उठा ये सोच कर कि हमारी सेना के इतने जवान मार दिए गए और हमारी सरकार आज भी यह कह रही है। कि कोई भी सख्त कदम नहीं उठायेगे। मतलब आर्मी की या वायु सेना की मदद नहीं ली जायेगी क्यों कि जो लोग लड़ रहे है वो हमारे ही देश के ही नागरिक हैं । और उनके साथ अन्याय हुआ है इसलिए वो ये विद्रोह कर रहे हैं। उनके इलाके में विकास नहीं हुआ है इसलिए वो ऐसा कर रहे हैं , तो मैं समझता हूँ । की हिंदुस्तान के हर बेरोजगार व्यक्ति को जिनमे मै भी शामिल हूँ आजकल, हथियार उठा लेना चाहिए और सराकर के खिलाफ आन्दोलन छेड़ देना चाहिए। मैं उन बुद्धजीवियों से भी जानना चाहता हूँ कि क्या इस देश में हिंसा जो की आपके चहेते माओवादी कर रहे हैं उचित है। मैं मानता हूँ कि उन इलाको के साथ अन्याय हुआ है। मेरा घर भी उत्तर प्रदेश के एक ऐसे इलाके में है , जो बहुत पिछड़ा है। मेरे गाँव में आज भी सड़क और बिजली नहीं है। मुझे भी गाँववालो को एकत्र कर के हथियाए उठाने चाहिए या महात्मा गाँधी ले बताये हुए रस्ते पर चलकर अहिंसा पूर्वक आन्दोलन कर के सरकार को हिलाना चाहिए, या फिर भगत सिंह की तरह से बम्ब तो फोड़ो परन्तु आवाज के लिए, किसी की जान लेने के लिए नहीं । भारत सरकार को चहिये कि देल्ही के आलावा देश के और हिस्सों का भी समग्र विकास करे। और इन मओवादियो से सख्ती से निपट और इन तथाकथित बुद्धजीवियो से न डरे। क्या १९६६ में जब सरकार ने मणिपुर में और मिजोरम में सस्त्र कार्यवाई की तो क्या वो उग्रवादी भटके हुए नवजवान नहीं थे, जिन्हें मारने के लिए सरकार ने हवाई हमले किये थे। मेरा बस इतना मानना है की हिंसा से समाधान नहीं हो सकता है। और मओवादियो को भी समझना चाहिए की हिंसा से आप हमारे देश से लड़ नहीं सकते हैं। ये एक लोकतान्त्रिक देश है जिसे थोड़ा समय तो लगेगा विकसित होने में परन्तु मेरा देश बहुत अच्छा है। और बुद्धजीवियो से अनुरोध है की कृपया करके सरकार से वार्ता करने के लिए आगे लाये इन मओवादियो को ताकि समाधान निकल सके, तो जो भी आपकी मांगे है सुनी जाएगी। मैं पी. चिदंबरम साहेब से सहमत हूँ और उनसे अनुशंसा करता हूँ कि कृपया राज्यों को मत देखे और कड़ी से कड़ी कार्यवाही करे। मओवादियो से भी ये अपील है की लोकतान्त्रिक तरीके से अपने आन्दोलन चलाये और आगे आ कर सरकार से बात करे।
अंत में सभी शहीदों को सत सत नमन , भारत देश के सभी नागरिक आपके कर्जदार हैं।
जय हिंद
धन्यवाद
आपका वैभव
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