गुरुवार, 8 अप्रैल 2010

दंतेवाडा के शहीद

प्रिय मित्रो,



नमस्कार



इधर काफी समय से व्यस्त रहा तो कुछ मौका नहीं मिलापर बीते दिन दंतेवाडा में हुई घटना ने मन मस्तिष्क को अन्दर तक झकझोर दियानक्सलवादियो ने केंद्रीय रिजेर्वे पुलिस फ़ोर्स के ७६ जवानों को मौत के घाट उतार दियाखून खौल उठा ये सोच कर कि हमारी सेना के इतने जवान मार दिए गए और हमारी सरकार आज भी यह कह रही हैकि कोई भी सख्त कदम नहीं उठायेगेमतलब आर्मी की या वायु सेना की मदद नहीं ली जायेगी क्यों कि जो लोग लड़ रहे है वो हमारे ही देश के ही नागरिक हैंऔर उनके साथ अन्याय हुआ है इसलिए वो ये विद्रोह कर रहे हैंउनके इलाके में विकास नहीं हुआ है इसलिए वो ऐसा कर रहे हैं , तो मैं समझता हूँकी हिंदुस्तान के हर बेरोजगार व्यक्ति को जिनमे मै भी शामिल हूँ आजकल, हथियार उठा लेना चाहिए और सराकर के खिलाफ आन्दोलन छेड़ देना चाहिएमैं उन बुद्धजीवियों से भी जानना चाहता हूँ कि क्या इस देश में हिंसा जो की आपके चहेते माओवादी कर रहे हैं उचित हैमैं मानता हूँ कि उन इलाको के साथ अन्याय हुआ हैमेरा घर भी उत्तर प्रदेश के एक ऐसे इलाके में है , जो बहुत पिछड़ा हैमेरे गाँव में आज भी सड़क और बिजली नहीं हैमुझे भी गाँववालो को एकत्र कर के हथियाए उठाने चाहिए या महात्मा गाँधी ले बताये हुए रस्ते पर चलकर अहिंसा पूर्वक आन्दोलन कर के सरकार को हिलाना चाहिए, या फिर भगत सिंह की तरह से बम्ब तो फोड़ो परन्तु आवाज के लिए, किसी की जान लेने के लिए नहींभारत सरकार को चहिये कि देल्ही के आलावा देश के और हिस्सों का भी समग्र विकास करेऔर इन मओवादियो से सख्ती से निपट और इन तथाकथित बुद्धजीवियो से डरेक्या १९६६ में जब सरकार ने मणिपुर में और मिजोरम में सस्त्र कार्यवाई की तो क्या वो उग्रवादी भटके हुए नवजवान नहीं थे, जिन्हें मारने के लिए सरकार ने हवाई हमले किये थेमेरा बस इतना मानना है की हिंसा से समाधान नहीं हो सकता हैऔर मओवादियो को भी समझना चाहिए की हिंसा से आप हमारे देश से लड़ नहीं सकते हैंये एक लोकतान्त्रिक देश है जिसे थोड़ा समय तो लगेगा विकसित होने में परन्तु मेरा देश बहुत अच्छा हैऔर बुद्धजीवियो से अनुरोध है की कृपया करके सरकार से वार्ता करने के लिए आगे लाये इन मओवादियो को ताकि समाधान निकल सके, तो जो भी आपकी मांगे है सुनी जाएगीमैं पी. चिदंबरम साहेब से सहमत हूँ और उनसे अनुशंसा करता हूँ कि कृपया राज्यों को मत देखे और कड़ी से कड़ी कार्यवाही करेमओवादियो से भी ये अपील है की लोकतान्त्रिक तरीके से अपने आन्दोलन चलाये और आगे कर सरकार से बात करे

अंत में सभी शहीदों को सत सत नमन , भारत देश के सभी नागरिक आपके कर्जदार हैं


जय हिंद



धन्यवाद

आपका वैभव