बुधवार, 24 फ़रवरी 2010

श्रधांजलि



प्रिय
मित्रो

नमस्कार


कल शाम को शहर में घूम रहा था तो पान की दुकान पे सायं काल का अख़बार देखा, कि हमारे शहर का एक युवा.....कैप्टेन देवेंदर सिंह जस का सोपोर(कश्मीर) में आतंकवादियो के साथ हुई मुठभेड़ में निधन हो गया यानि की वो युवा शहीद हो गएएक और माँ का लाल अपने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दे गया...आँखों में हल्कि सी नमी गई पर सीना फक्र से चौड़ा हो गया ...आखिर ये हैं बोर्डर पर तभी हम यहाँ बैठ कर चैन की जिंदगी काट रहे हैं...आज सुबह सोचा उनके निवास पर जाऊ, वहा पंहुचा तो वहां का गमनीम माहौल देख कर स्वत ही नीर बह चलापता चला कि माँ बाप का अकेला लाल अपनी कॉर्पोरेट लाइफ को छोड़ कर अभी दो साल पहले ही देशभक्ति की भावना को ओडे थल सेना में शामिल हुआ था और संयोग से वो उसी यूनिट में था जिस यूनिट के मेजर मोहित शर्मा थे वो भी गाजिअबाद से ही थे और वो भी पिछले साल शहीद हुए थे...... आज कैप्टेन के पिता के चेहरे पर एक दुःख के साथ जो गर्व था वो बहुत कम माँ बाप को ही नसीब होता है...काश मेरे माँ बाप भी इस फक्र को कभी महसूस करे..काश मेरी जान भी इस देश की सेवा करते हुए जायेमै ईश्वर से ये प्रार्थना करता हूँकि उनके परिवार को इस दुःख को सहने की शक्ति प्रदत्त करेमेरी सारी भावनाये उनके साथ हैं ईश्वर कैप्टेन की आत्मा को शांति देअप सब भी उन्हें अपनी श्रधांजलि दे


धन्यवाद



आपका वैभव

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