नमस्कार मित्रो।
पिछले काफी समय से ये देखा जा रहा है क़ि किस तरह मुंबई में एक समानान्तर सरकार 'टी' कंपनी अर्थात ठाकरे परिवार के द्वारा चलाई जा रही है। जबकि कांग्रेस की सरकार कह रही है या कर भी रही है कार्यवाई पर मेरी समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर हो क्या रहा है। भारत के एक बड़े महानगर में क्या चन्द लोग इस देश के कानून और सविंधान से उपर है। और अगर अशोक चावान इतने ही गंभीर है तो क्यों न वे इन कथित सेना के सिपाहियों पर कड़ी से कड़ी धाराओ में या रासुका में उन्हें बंद करे और जमानत न मिलने पाए। मै उनके विचारो का विरोधी नहीं हूँ परून्तु हिंषा का सख्त विरोधी हूँ। और जो हिंषा हो रही है। उसके लिए सरकार को कड़े से कड़े कानून बनाकर इन लोगो को रोकना चाहिए। मेरा ठाकरे परिवार से भी ये अनुरोध है की आप कानून अपने हाथ में न ले अपना विरोध शांति पूर्वक करे। आज राज ठाकरे का भी एक बयां आया है जिसमे उन्होंने आज बच्चन को निशाना बनाया है... मैं तो जानना चाहता हूँ कि कब तक इस तरह की राजनीति तबाह करती रहेगी ...मेरा युवा मन कभी कभी अपने देश के इन महान नेतओ को देखकर व्यथित हो जाता है।
धन्यवाद,।
आपका वैभव
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